दुनिया की पांच रहस्यमयी जगहें, जिनकी आज तक नहीं सुलझ पाई गुत्थी

 



दुनिया कई रहस्यों से भरी हुई है। हमारे आस-पास कई ऐसे रहस्य हैं, जिनपर यकीन करना ही मुश्किल है। इन रहस्यों को सुलझाने के लिए लगातार कोशिश हो रही है, लेकिन ये रहस्य ऐसे हैं जो सुलझ ही नहीं पाते हैं। विश्व में कई ऐसी रहस्यमयी जगहें हैं, जिनके पीछे की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इन रहस्यमयी जगहों के बारे में वैज्ञानिक लगातार जांच-पड़ताल कर रहे हैं, लेकिन अभी तक निष्कर्ष तक नहीं पहुंचे हैं। आप जब इन जगहों के बारे में जानेंगे तो सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। 


नोरिल्स्क, रूस
इस जगह पर बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है, जिस कारण यहां का औसतन वार्षिक तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस रहता है। वहीं सर्दियों में यहां का तापमान माइनस 55 डिग्री सेल्सियस हो जाता है। इस शहर में प्रति वर्ष दो महीने तक अंधेरा रहता है, जिस कारण आर्टिटेक्टस ने शहर को इस तरह डिजाइन किया है कि क्रूर हवाओं को थोड़ा रोका जा सके, क्योंकि उनको पूरी तरह रोक पाना लगभग नामुमकिन है। यह शहर सबसे प्रदूषित भी है, जिसका कारण है यहां की हवा में तांबा, निकल और सल्फर डाइऑक्साइड की उच्च सांद्रता का होना। यहां खानों और फैक्ट्रियों का संचालन 24 घंटे होता है।

सांपों का द्वीप
ब्राजील में स्थित इलाहा दा क्यूइमादा एक ऐसा द्वीप है, जो सांपों द्वारा शासित है। इसके पीछे क्या रहस्य है, ये भी आज तक कोई नहीं जान पाया है। इस द्वीप को सांपों का द्वीप भी कहा जाता है। यह दुनिया के उन हजारों विषैले सांपों का घर है, जिनका नाम है गोल्डन लांसहेड वाइपर। ब्राजील की नौसेना ने सभी नागरिकों का द्वीप पर आना प्रतिबंधित किया हुआ है। यह द्वीप साओ पाउलो से महज 20 मील की दूरी पर स्थित है। यहां प्रति तीन फीट की दूरी पर एक से पांच सांप आसानी से मिल जाएंगे।

https://www.youtube.com/channel/UCqk0iKz3hNI2mY6a4lWKnQA/about
सेंटिनल द्वीप, अंडमान
वैसे तो भारत के नागरिकों को देश में कहीं भी जाने की पूरी आजादी है, लेकिन इस द्वीप पर आम लोगों का जाना प्रतिबंधित है। कहा जाता है कि यहां 300-400 खतरनाक आदिवासी रहते हैं। इनका दुनिया में किसी से भी संपर्क नहीं है। ये लोग ना तो स्वयं इस द्वीप से बाहर आते हैं और न ही किसी बाहरी व्यक्ति को यहां आने देते हैं। इसके पीछे क्या कारण है, यह भी आज तक पता नहीं चल पाया है। यहां जाना लोगों के लिए बहुत जानलेवा होता है। 


दनाकिल रेगिस्तान, इथोपिया
यह आम तौर पर कहा जाता है कि दनाकिल रेगिस्तान की गर्मी धरती पर नर्क की आग का अहसास कराती है। दुनिया में जहां कुछ महीनों के अंतराल में मौसम बदलता है, कभी सर्दी होती है तो कभी गर्मी, लेकिन इस जगह पर पूरे साल न्यूनतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही रहता है। कभी-कभी तो पारा 145 डिग्री सेल्सियस भी हो जाता है। आग उगलने के कारण इस जगह को 'क्रुअलेस्ट प्लेस ऑन अर्थ' भी कहा जाता है, जिस कारण यहां के तालाबों का पानी हर वक्त उबलता रहता है। नेशनल जियोग्राफिक ने इसे 'पृथ्वी पर सबसे क्रूर जगह' कहा है। यहां 62,000 मील से अधिक क्षेत्र में रेगिस्तान फैला है। ऐसे में यहां रह पाना भी नामुमकिन ही है।

Post a Comment

0 Comments